"बकरियों में आम बीमारियाँ और उनके नियंत्रण 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी। संक्रामक, परजीवी और पोषण संबंधी रोगों के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय जानें। स्वस्थ बकरी पालन के लिए यह गाइड पढ़ें!"
4, Mar 2025
बकरियों में आम बीमारियाँ और उनका नियंत्रण 2025

बकरियों में आम बीमारियाँ और उनका नियंत्रण 2025

भूमिका

बकरियों में आम बीमारियाँ और उनके नियंत्रण 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी। संक्रामक, परजीवी और पोषण संबंधी रोगों के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय जानें। स्वस्थ बकरी पालन के लिए यह गाइड पढ़ें!”

बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है, लेकिन यदि उचित देखभाल न की जाए तो बकरियों में कई प्रकार की बीमारियाँ फैल सकती हैं। इन बीमारियों से उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है और कभी-कभी बकरियों की मृत्यु भी हो सकती है। इस लेख में हम बकरियों की सामान्य बीमारियों और उनके नियंत्रण के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।


1. संक्रामक बीमारियाँ (Infectious Diseases)बकरियों में आम बीमारियाँ और उनका नियंत्रण 2025

1.1 पीपीआर (Peste des Petits Ruminants – PPR)

लक्षण:

  • बुखार और कमजोरी
  • आँखों और नाक से स्राव
  • दस्त और पानी की कमी
  • मुँह में छाले

नियंत्रण:

  • नियमित टीकाकरण करवाएँ।
  • बीमार बकरियों को अलग रखें।
  • संतुलित आहार दें।

1.2 खुरपका-मुँहपका (Foot and Mouth Disease – FMD)

लक्षण:

  • मुँह, जीभ और खुरों में छाले
  • लंगड़ाना
  • लार का अधिक स्राव
  • भूख न लगना

नियंत्रण:

  • टीकाकरण कराएँ।
  • प्रभावित बकरियों को अलग करें।
  • पशुओं को स्वच्छ पानी और चारा दें।

1.3 एंथ्रेक्स (Anthrax)

लक्षण:

  • अचानक मृत्यु
  • खून बहना (नाक, मुँह और मलाशय से)
  • सूजन और बुखार

नियंत्रण:

  • टीकाकरण कराएँ।
  • मृत बकरियों को जलाकर या गड्ढे में दबाकर नष्ट करें।
  • संक्रमित क्षेत्र को डिसइंफेक्ट करें।

2. परजीवी जनित बीमारियाँ (Parasitic Diseases)

2.1 खून चूसने वाले कीड़े (Haemonchosis)

लक्षण:

  • खून की कमी (एनीमिया)
  • कमजोरी और सुस्ती
  • सूजी हुई जबड़े
  • वजन में गिरावट

नियंत्रण:

  • कृमिनाशक दवाओं का प्रयोग करें।
  • बकरियों को स्वच्छ और सूखी जगह पर रखें।
  • संतुलित आहार दें।

2.2 जूँ और किलनी संक्रमण

लक्षण:

  • त्वचा पर खुजली और घाव
  • बाल झड़ना
  • बेचैनी

नियंत्रण:

  • नियमित स्नान कराएँ।
  • एंटी-पैरासिटिक दवाओं का प्रयोग करें।
  • पशुओं के रहने की जगह को साफ रखें।

3. पोषण संबंधी बीमारियाँ (Nutritional Diseases)

3.1 कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी

लक्षण:

  • कमजोर हड्डियाँ
  • खड़े होने में कठिनाई
  • दूध उत्पादन में कमी

नियंत्रण:

  • संतुलित आहार दें जिसमें खनिज लवण पर्याप्त मात्रा में हों।
  • हड्डियों की मजबूती के लिए सप्लीमेंट्स दें।

3.2 विटामिन ए की कमी

लक्षण:

  • दृष्टि कमजोर होना
  • विकास में रुकावट
  • प्रजनन समस्याएँ

नियंत्रण:

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ और विटामिन ए सप्लीमेंट दें।
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।

4. श्वसन तंत्र की बीमारियाँ (Respiratory Diseases)

4.1 निमोनिया (Pneumonia)

लक्षण:

  • तेज बुखार
  • खाँसी और साँस लेने में कठिनाई
  • नाक से स्राव
  • सुस्ती

नियंत्रण:

  • ठंड से बचाव करें।
  • संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उचित दवाएँ दें।
  • बकरियों को स्वच्छ और हवादार स्थान में रखें।

निष्कर्ष

बकरियों की बीमारियों से बचाव और नियंत्रण के लिए उचित टीकाकरण, संतुलित आहार और स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है। यदि कोई बकरी बीमार हो जाए, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। बकरी पालन को सफल बनाने के लिए रोगों से बचाव और समय पर उपचार बहुत आवश्यक है।

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